में पहला स्टेट गेम्स में प्रदेश में खिलाड़ियाें का सबसे बड़ा दल ले जाने के बावजूद उदयपुर का प्रदर्शन खास नहीं रहा। मेडल टेली में ताे उदयपुर चाैथे स्थान पर रहा। मगर सिर्फ चार खेलों में प्रदर्शन के आधार पर ही यह रैंकिंग मिली। उदयपुर काे कुल 55 मेडल मिले जिसमें से 48 मेडल सिर्फ 4 खेलाें में अाए। जबकि अन्य 14 खेलाें में उदयपुर काे सिर्फ 7 मेडल ही मिले। 10 खेल तो एेसे रहे जिनमें उदयपुर काे एक भी मेडल नहीं मिला। सबसे ज्यादा 23 मेडल तैराकी में, 11 मेडल जूडाे में, 8 मेडल बाॅक्सिंग में अाैर 6 मेडल िजम्नास्टिक में अाए हैं। बता दें कि अाेवरअाॅल रैंकिंग में उदयपुर प्रदेश में चाैथे स्थान पर, कुल मेडल के मामले में दूसरे स्थान पर रहा। सिल्वर मेडल ज्यादा नहीं हाेने के कारण उदयपुर चाैथे स्थान पर खिसक गया।
स्टेट गेम्स में 18 खेल हुए, सिर्फ 4 में ही अच्छा प्रदर्शन, सबसे ज्यादा मेडल तैराकी और जूडो में, बैडमिंटन-तीरंदाजी सहित 10 खेलों में रहे फिसड्डी
सबसे अच्छा : तैराकी में 34 खिलाड़ी गए, 23 मेडल जीते, जूडो में 16 में 11
सबसे खराब : बैडमिंटन में दाे काेच, क्वार्टर तक भी नहीं पहुंचे
सबसे बड़ी कमी : 18 में 8 खेलों में तो हमारे पास काेच ही नहीं है
स्टेट गेम्स में कुल 18 खेल मुकाबले हुए। हैरानी की बात यह है कि उदयपुर में 8 खेल कबड्डी, खाे-खाे, वेट लिफ्टिंग, बास्केटबाॅल, निशानेबाजी, कुश्ती, टेनिस अाैर टेबल टेनिस में एक भी काेच नहीं है। इन खेलों में कोच के नहीं होने का भारी नुकसान उदयपुर को खेलों में हुआ और इन खेलों में प्रदर्शन काफी खराब रहा। हालांकि बास्केटबाॅल बाॅयज में उदयपुर ने कांस्य जीता।
सबसे ज्यादा निराशा : 10 खेलाें में 195 खिलाड़ी, 1 को भी मेडल नहीं
स्टेट गेम्स 10 खेलाें में उदयपुर के 195 खिलाड़ियाें ने भाग लिया। एथलेटिक्स में 31, वेट लिफ्टिंग में 20, बैडमिंटन में 10, टेनिस में 10, टेबल टेनिस में 10, कबड्डी में 24, खाे-खाे में 24, फुटबाॅल में 32, वाॅलीबाॅल में 24 अाैर निशानेबाजी में 10 सहित कुल 195 खिलाड़ियाें ने भाग लिया लेकिन इनमें से एक भी मेडल नहीं जीत पाए।
और खेल अधिकारी बोले- काेच के नहीं होने का ही नुकसान हुआ
जिला खेल अधिकारी शकील हुसैन ने बताया कि प्रदेश में उदयपुर का प्रदर्शन ठीक रहा है। मगर फिर भी हम थाेड़ी मेहनत अाैर करते ताे दूसरे स्थान पर अा सकते थे। कई खेलाें में स्थाई काेच नहीं हाेने अाैर कई खेलाें में प्रशिक्षकाें के अपने दल के साथ नहीं जाने का नुकसान भी उठाना पड़ा। अगर वे दलाें के साथ जाते ताे परिणाम बेहतर हाेते।
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