जयपुर (नरेश वशिष्ठ). बजरी वाहनों से वसूली और बिना माइनिंग विभाग काे सूचना दिए छाेड़े गए बजरी वाहनों के मामले में अब नया माेड़ आ गया है। आरटीओ ने नवम्बर माह में 70 से अधिक बजरी वाहनों पर कार्रवाई की है। इसमें से केवल 13 नवम्बर काे दूदू में की गई कार्रवाई के दाैरान माइनिंग विभाग के अधिकारियों का बुलाया था। आरटीओ राजेंद्र कुुमार की इस कार्रवाई पर भी अब सवाल खड़े हाे गए हैं।
आरटीओ ने जिन 16 वाहनों पर कार्रवाई थी, उन वाहन मालिकों ने कार्रवाई काे अवैध ठहराया है। मालिकों का आराेप है कि आरटीओ ने खान विभाग की रसीद हाेने के बाद भी खड़े वाहनों का बिना वजन कराए चालान कर दिया है।
आरटीओ ने दलाल के मार्फत 50 हजार रु. वसूली मांगी थी, मगर लीगल माइनिंग और अंडरलोड वाहन हाेने पर मालिकों ने सेवा शुल्क देने से मना कर दिया ताे आरटीओ ने दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई की है। 8 एवं 26 नवम्बर की कार्रवाई के बाद अब आरटीओ राजेंद्र कुमार इस मामले में फंसते नजर आ रहे हैं। हालांकि, अभी तक उन पर कोई एक्शन नहीं लिया गया है।
राज्य सरकार का उद्देश्य किसी ऑपरेटर्स काे परेशान करना नहीं है। अगर वाहनों के पास ई-रवाना था और अंडरलोड थे ताे आरटीओ ने गलत कार्रवाई की है। मैं इस संबंध में साेमवार काे रिपोर्ट तलब करूंगा।प्रताप सिंह खाचरियावास, मंत्री
केस 1: वाहन संख्या आरजे 05 जीबी 4184 ने तारीख 11 नवम्बर 2019 काे नागाेर में आलियावास रियाबड़ी लीज से 39 टन बजरी भरी गई, जो कि सामान्य लोड है। ई-रवन्ना (माइनिंग विभाग की बिल्टी) में यह वजन दर्ज है। मगर आरटीओ ने वाहन काे 29 टन ओवरलाेड यानी 68 टन बजरी मानते हुए 13 नवम्बर काे सुबह 3 बजे 36 हजार का चालान कर दिया। चालान संख्या आरजे 35210191113030036 है।
केस 2: आरजे05जीबी2476 ने 11 नवम्बर काे आलियावास रियाबड़ी लीज से बजरी भरी। ई-रवन्ना के मुताबिक इस वाहन में 23.38 टन बजरी भरी हुई थी। मगर आरटीओ ने इस वाहन में 30 टन ओवरलाेड यानी करीब 53 टन बजरी मानते हुए 38 हजार का चालान कर दिया।
मनमानी देखिए... जब दूदू के आरटीओ इंस्पेक्टरों ने गलत चालान से मना किया तो आरटीओ ने जयपुर से टीम बुलाई
कार्रवाई के समय ही आरटीओ अफसरों के विराेध में फंस गए थे। सूत्राें ने बताया कि आरटीओ ने रात के समय 13 नवम्बर काे दूदू में एक ढाबे पर खड़े बजरी के 16 वाहनों पर कार्रवाई की। आरटीओ ने दूदू इंस्पेक्टरों काे चालान बनाने के लिए आदेश दिए। इस पर इंस्पेक्टरों खड़े वाहनों का चालान करने से मना कर दिया। आरटीओ इंस्पेक्टरों ने तर्क दिया कि वे बिना कांटा पर्ची कराए बजरी वाहनों काे चालान नहीं करेंगे। इस पर आरटीओ राजेंद्र ने जयपुर ऑफिस के उड़न दस्ताें काे कार्रवाई के निर्देश दिए। इन उड़न दस्ताें ने बिना कांटा पर्ची कराए बजरी भरी वाहनों काे 30 टन ओवरलाेड मानते हुए चालान कर दिया। इसके बाद माइनिंग अफसराें काे कार्रवाई के लिए सूचना दे दी।
आरटीओ की सफाई
- आरटीओ का कहना है कि वाहन ओवरलाेड थे, इसलिए चालान किया गया। यह ताे अब परिवहन विभाग के अफसराें की जांच में ही पता चल सकेगा। (इससे पहले आरटीओ ने यह भी कहा था कि हम माइनिंग को अवैध बजरी की सूचना देते हैं लेकिन माइनिंग ने मना किया था।)
- वाहन मालिकों का कहना है कि खान विभाग के रवाना में जाे वजन है, वहीं वाहनों था। इसके बाद भी ओवरलाेड मान कर चालान कर दिया गया।
- वाहनाें की इस कार्रवाई काे आरटीओ सही मान रहा है ताे मालिक गलत ठहरा रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर सही काैन है।